राशन कार्ड सूची 2023: राशन कार्ड की नई सूची जारी, फटाफट इस आसान तरीके से चेक करें अपना नाम

राशन कार्ड की नई सूची जारी राशन कार्ड का उपयोग केवल राशन लेने के लिए ही नहीं बल्कि कई सरकारी योजनाओं में भी यह काफी काम आता है।

राशन कार्ड की नई सूची जारी: हरियाणा। हरियाणा सरकार के लोगों के लिए एक से बढ़कर एक योजना चलती रहती है, वहीं अब राशन कार्ड योजना सरकार ने देर से शुरू की है। यह एक केंद्रीयकृत योजना है। इस योजना में हरियाणा में नागरिक डैम में घर का राशन दिया जाता है। वहीं। इस योजना के सभी राज्यों में गेहॅूं, चावल, चीनी और केरोसीन तेल सरकारी राशन की दुकानों के माध्यम से बाटें जाते हैं।

वहीं आपको बता दें कि राशन कार्ड को उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति के आधार पर श्रेणियों में बांटा जाता है किन्तु राज्य सरकार इसमें कभी कभी बदलाब भी कर देती है। वहीं अगर आप इस योजना में हरियाणा राशन कार्ड लिस्ट 2023 कैसे चेक करना है। टेंशन न लीजिये इस खबर के द्वारा आपको सारी जानकारी दी जाएग

दिल्ली नई योजना

नई दिल्ली: राशन कार्ड धारक अब मुफ्त खाद्यान्न लाभ की बढ़ी हुई सीमा का लाभ उठा सकते हैं। ज़ी हिंदी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने एक योजना के बारे में घोषणा की है जिसके तहत वह राशन कार्ड धारकों को 21 किलो गेहूं और 14 किलो चावल मुफ्त देगी। सरकार ने अन्योद्या राशन कार्ड धारकों को 21 किलो गेहूं और 14 किलो चावल देने का फैसला किया है। जबकि आम राशन कार्ड धारकों को सिर्फ 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल ही मिलेगा। हालांकि, इस बार कार्डधारकों को गेहूं के लिए 2 रुपये और चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलो खर्च करने होंगे. साथ ही, सरकार के आदेशानुसार सभी राशन कार्ड पीडीएस वितरक, जिनके पास नमक, तेल और चने के अतिरिक्त पैकेट शेष हैं, उन्हें अंत्योदय कार्ड धारकों को निःशुल्क वितरित किया जाएगा। सरकार ने कहा है कि इस संबंध में पहले आओ और पहले पाओ के नियम का पालन किया जाएगा.

“अंत्योदय अन्न योजना” (एएवाई) दिसंबर, 2000 में एक करोड़ सबसे गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई थी। एएवाई में राज्यों के भीतर टीपीडीएस के तहत कवर किए गए बीपीएल परिवारों की संख्या में से एक करोड़ सबसे गरीब परिवारों की पहचान करना और प्रदान करना शामिल था। उन्हें गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम और चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम की अत्यधिक रियायती दर पर खाद्यान्न। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को वितरण लागत, डीलरों और खुदरा विक्रेताओं के मार्जिन के साथ-साथ परिवहन लागत को वहन करना आवश्यक था। इस प्रकार योजना के तहत संपूर्ण खाद्य सब्सिडी उपभोक्ताओं को दी गई। 1 अप्रैल 2002 से शुरू में 25 किलो प्रति परिवार प्रति माह की मात्रा को बढ़ाकर 35 किलो प्रति परिवार प्रति माह कर दिया गया। जैसा कि 2005-06 के केंद्रीय बजट में घोषणा की गई थी, एएवाई का विस्तार अन्य 50 लाख बीपीएल परिवारों को कवर करने के लिए किया गया था, इस प्रकार इसका कवरेज 2.5 करोड़ परिवारों (यानी बीपीएल का 38%) तक बढ़ गया। इस आशय का आदेश 12 मई, 2005 को जारी किया गया था।

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